Thursday, 28 February 2019

सच कहता हूँ यारो।

सच कहता हूँ यारो
वक़्त ठहर जाता है
जब सामने वो आ जाती है।
दृश्य हो या दर्पण
एक मदहोशी सी छा जाती है।।
जब सामने वो आ जाती है
वक़्त गुजर जाता है ऐसे
सुबह से शाम हो जाती है।
सच कहता हूँ यारो
वक़्त ठहर जाता है
जब सामने वो आ जाती है।।

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